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लेखनी कहानी दैनिक प्रतियोगिता -13-May-2022 वजह



शीर्षक  =  वजह 


ऐश्वर्या  सुनो तुम ही मेरी जीने  की वजह  हो अगर  तुम्हे कुछ  हो गया तो मैं भी  जी नही पाउँगा। चल  झूठे  तुम सब  पति  एक से होते हो, अपनी पत्नियों को ऐसे ही झूठे  लारे देते हो अभी  मुझे  कुछ  हो जाएगा तो तुम तेरहवी से पहले  ही दूसरी  ब्याह लाओगे।

और मुझे  भूल  जाओगे कि कभी मैं भी  तुम्हारी मोहब्बत  थी  और तुम सात  फेरे लेकर  मेरे साथ मेरी मांग में सिन्दूर और गले  में मंगलसूत्र  पहनाकर  मुझे  इस घर  में ब्याह कर  लाये थे । ऐश्वर्या  ने अपने पति  अशोक  से कहाँ।


तुम मुझे  बेवफा  पति  समझती  हो। चाहे  केसी भी  मजबूरी  हो या फिर  कोई भी  वजह  हो मैं कभी  तुम्हारे सिवा किसी और को अपनी पत्नि के रूप  में नही देखना  पसंद  करूंगा । अब तुम्हारी वजह  से कुछ  दिन बाद मेरे जीने  की एक और वजह  इस दुनिया में आ  जाएगी। ऐश्वर्या  तुम्हारा बेहद  शुक्रिया मेरी जिंदगी में आने  का तुम्हारी वजह  से ही मुझे  बाप बनने  की ख़ुशी  मिली है । मैं बता  नही सकता  कि मैं कितना खुश  हूँ सिर्फ चंद  दिन और फिर  हमारे  घर  में भी  बच्चे  कि किलकारी गूँज  उठेगी । मेरी जिंदगी में खुशियाँ  लाने की वजह  सिर्फ तुम ही हो।



तभी  दरवाज़े  पर  दस्तक  होती है । अशोक  जो की अपनी पत्नि की तस्वीर  हाथ  में लिए  अपने कमरे  में बैठा  ये सब  सोच  रहा  था । उस आहट  से माज़ी ( भूतकाल ) से निकल  कर  हकीकत  में आता  है । और दरवाज़े  की तरफ  देखता  है  उसकी आँखे  आंसुओ  से लाल हो रही  थी।

दरवाज़े  पर  उसकी माँ खड़ी  थी ।माँ ने कमरे  में दाखिल होते हुए  कहा  " बेटा पुरानी यादो से बाहर  आजा , आज  ऐश्वर्या  को इस दुनिया से गए  हुए  दो हफ्ते हो गए । उसकी यादो से बाहर  निकल  देख  पालने में तेरी बेटी सो रही  है  अब वही  तेरे जीने  की वजह  है ।

और बाहर  आजा  पंडित  जी बुला रहे  है  आज  तेरी अनन्या के साथ  शादी  है । तुझे  भले  ही एक औरत  की ज़रुरत  ना हो लेकिन इस बच्ची  को एक माँ की ज़रुरत  है । मैं बूड़ी  हो चुकी  हूँ नही पता कब  यमराज  आये  और मुझे  ले जाए। तू  अकेला इस नन्ही सी जान की परवरिश  नही कर  सकता । चल  उठ  हाथ  मुँह धो  और बाहर  आजा  मुहूर्त का समय  हो रहा है । "

"माँ मुझसे ये नही होगा बेवजह  अनन्या की जिंदगी भी  बर्बाद हो जाएगी मेरे साथ।  मैं उसे कभी  भी  ऐश्वर्या  की जगह  नही दें सकता । माना की वो तलाक  शुदा  है। और उसके पास भी  वजह  है  मुझसे  शादी  करने  की क्यूंकि उसके घर  वाले उसका बोझ  उठाने  से मना कर  रहे  है ।लेकिन माँ,  है  तो वो एक औरत  ही भला  वो कब  तक  मेरी बेरुखी  बर्दाश  करेगी  और कब  तक  मुझे  यूं ही अपनी सौतन  के प्यार में पागल  बना  देखेगी और उसको ऐश्वर्या  की जगह  देना मेरे बस  में नही। अगर  मेने उसे ऐश्वर्या  की जगह  दी तो ऐश्वर्या  मुझे  बेवफा मर्द समझेगी  जो उसके मरने के बाद दूसरी  पत्नि को उसकी जगह  दें बैठा । नही माँ मुझसे  ये नही होगा।

मैं खुद  अपनी बेटी की परवरिश  कर  लूँगा । उसे अपनी जीने  की वजह  बना  कर  लेकिन माँ, मैं किसी की जिंदगी बर्बाद नही करूंगा  सिर्फ इसलिए की मेरी बेटी को एक माँ की ज़रूरत  थी।" अशोक  ने कहाँ


"बेटा मेरी बात समझा  कर  समय  बेहद  बलवान  होता है  ये सारे जख्म  भर  देता है । तू भी  एक दिन ऐश्वर्या  को भूल  कर  अनन्या के साथ  अपनी जिंदगी ख़ुशी  ख़ुशी  गुज़ारेगा।

बेटा बच्चों को माँ से बेहतर  कोई नही समझता  और अनन्या की तलाक  की वजह  उसका बाँझ  पन  था । इसलिए  वो तेरी बेटी को सगी  माँ से भी  बढकर  प्यार करेगी । क्यूंकि औलाद  किया होती है  उसे पता  है । औलाद  ना दें पाने की वजह  से ही उसके पति  ने उसे तलाक  दी है । बेटा वजह  और मजबूरी  दो ऐसी चीज  है  जो इंसान से वो तक  करा  लेती है  जो उसने कभी  सोची  भी  नही होती।

बेटा अनन्या से शादी  कर  लो देखना  वो एक दिन तुम्हारे दिल से ऐश्वर्या  की सारी यादें निकाल फेके  गी और अपनी मोहब्बत  भर  देगी। शायद  ऐश्वर्या  के साथ  भगवान  ने तुम्हारा साथ  इतना ही लिखा  था । इसलिए  वो बच्ची  को जन्म देने के तुरंत  बाद ही भगवान  के पास  चली  गयी ।

और ये दूसरी  शादी  तुम अपनी बच्ची  की माँ और अपने अकेले पन  को दूर  करने के लिए  कर  रहे  हो ताकि बुढ़ापे  में तुम्हे कोई सहारा  देने वाला हो। जब  मैं ना रहूंगी  तब । तुम्हारे पास  वजह  है  दूसरी  शादी  करने  की तुम बेवजह  ही दूसरी  शादी  नही कर  रहे  हो। बेटा अपने लिए  ना सही  इस नन्ही जान के लिए  अनन्या को अपनी पत्नि बना  लो इसको एक माँ की ज़रूरत  है  सिर्फ अभी  नही जिंदगी के हर  मोड़ पर  इसे अपनी माँ की ज़रूरत  पड़ेगी । कुछ  ऐसी बाते होती है  जो लड़किया  सिर्फ और सिर्फ अपनी माँ के साथ  ही साँझा  करती  है । क्यूंकि वो जानती है  कि कोई समझें  या ना समझें  लेकिन एक माँ ज़रूर  समझेगी ।" अशोक  कि माँ ने उसके सर को सहलाते हुए  प्यार से समझाते  हुए  कहाँ।


अशोक  ने पालने में खेलती  अपनी बेटी कि तरफ  देखा  जो अभी  दो हफ्ते की थी ।

उसने उसे गोदी में उठा  कर  प्यार किया और बोला अगर  मेरी बेटी को एक माँ की ज़रुरत  है  तो फिर  ठीक  है  मैं अनन्या से शादी  कर  लूँगा ।लेकिन उसे अपनी पत्नि की जगह  देने का वायदा नही कर सकता  

ये सुन अशोक  की माँ खुश  हुयी और उसका माथा  चूम  कर  उसे नहा  धोकर  तैयार होने का कहा। और बाहर  चली  गयी ।

अशोक  भी  तैयार हो कर  बाहर  आया  और अनन्या के साथ  सात फेरे  लेकर  उसने उसके साथ  शादी  करली  और अपनी बेटी के लिए  माँ ले आया ।



प्रतियोगिता हेतु लिखी  कहानी  

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14 Comments

Neha syed

14-May-2022 09:39 PM

👏👏

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Anam ansari

14-May-2022 09:29 PM

Nice

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Mohammed urooj khan

14-May-2022 09:14 PM

आप सब लोगो का तेह दिल से शुक्रिया सराहने के लिए 🙏🙏🙏🙏🙏

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